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जुकाम & इन्फ्लूएंजा (common cold& Influenza)

जुकाम जुकाम एक वायरस जनित रोग है जो राइनो वायरस  से होता है लक्षण नाक की स्लेष्मा झिल्ली में सूजन आ जाती है जिससे नाक से पानी बहता है खुजली की वजह से छींके भी आती है रोगी को हल्का बुखार रहता है प्रभावित अंग श्वसन तंत्र या फेफड़े उपचार प्रतिजैविक औषधि का उपयोग करना तथा रोगी को गरम वास्प का  सेवन करना चाहिए इन्फ्लूएंजा यह भी एक वायरस जनित रोग है तथा सबसे ज्यादा संक्रामक रोग है इन्फ्लूएंजा नामक वायरस से होता है लक्षण रोगी को बुखार का आना, गले में दर्द, बेचैनी और सर दर्द जैसे लक्षण दिखाई देते हैं प्रभावित अंग श्वसन तंत्र उपचार रोगी को स्वस्थ एवं खुले वातावरण में रखना चाहिए प्रतिजैविक औषधि का उपयोग करना चाहिए common cold Cold is a virus-caused disease caused by rhino virus. Symptoms There is swelling in the nasal mucous membranes due to which water flows from the nose and sneezing due to itching. Patient has mild fever   Affected limb  Respiratory tract or lungs   the treatment Antibiotic medicine should be used and the patient should consume hot wasp   Influenz...

डेंगू और पोलियो (Dengue and Polio)

*डेंगू* यह रोग मादा एडीस एजिप्टीयाई (टाइगर मच्छर) के काटने से होता है। वायरस=फ्लेवीवायरस *इस वायरस की 4 प्रजातियां होती है। DEN-1,DEN-2,DEN-3,DEN-4 इस रोग में शरीर पूरी तरह से टूटने लग जाता है इसलिए इस रोग को हीमो रेजिक बुखार भी कहते हैं। लक्षण बुखार का आना। आंखों में जलन। मांसपेशियों में खिंचाव(ऐंठन)। सिर व शरीर के जोड़ों में दर्द। प्रभावित अंग प्लेटलेट्स का घटना। उपचार अभी तक कोई विशेष इलाज(particular treatment) ज्ञात नहीं है। रिकोंबोनेट तकनीकी से उपचार करने की कोशिश की जा रही है। इस रोग की वृद्धि को रोकने के लिए कीवी नामक फल, बकरी का दूध, पपीते की पत्तियों का अर्क का उपयोग करते हैं। * पोलियो* वायरस - पोलियो वायरस, एंटरोवायरस । लक्षण- शरीर का कोई भी अंग निष्क्रिय हो जाता है और वृद्धि करना बंद कर देता है धीरे-धीरे वह भाग सूखने लग जाता है। प्रभावित अंग-   तंत्रिका  तंत्र । *छोटे बच्चे में पोलियो को बाल पक्षाघात कहते हैं। *24 अक्टूबर को पोलियो दिवस मनाया जाता है। उपचार- OPV-ओरल पोलियो वैक्सीन । इस टीके की खोज 1957 में साबिन व साल्व ने की थी। * Dengue *   The disease is cau...

खसरा $ हेपेटाइट्स (पिलिया),$ रेबीज रोग (Measles $ hepatitis (jaundice), $ rabies disease)

खसरा यह एक वायरस जनित संक्रामक रोग है जो मोर बेली नामक वायरस से होता है लक्षण _ खसरा रोग से ग्रसित रोगी को तेज बुखार खांसी तथा शरीर पर लाल रंग के दाने पड़ जाते हैं और उन पर खुजली होती रहती है उपचार 1= इस रोग से बचाव हेतु एमएमआर का इंजेक्शन लगवाना चाहिए तथा रोगी को खुले वातावरण मैं ना रखें 2= शरीर पर होने वाले लाल दानों की एंटीसेप्टिक दवाओं से साफ करते रहना चाहिए !                     पीलिया (हेपेटाइटिस) यह रोग हेपेटाइटिस वायरस के कारण होता है जिन की प्रजातिि निमन है A ,B,C,D,E,F,G हेपेटाइटिस बी को सबसे खतरनाक वायरस मानते हैं क्योंकि यह डीएनए को नष्ट कर देता है लक्षण 1=रोगी को हल्का बुखार रहता है आंख और नाखून का रंग पीला पड़ जाता है चेहरा मुरझा जाता है 2=यह रोग यकृत भाग पर सबसे ज्यादा प्रभाव दिखाता है उपचार एंटीबायोटिक दवाओं के साथ में दलिया चासनी युक्त मिष्ठान और गन्ने का रस का उपयोग करते हैं                         रेबीज (हाइड्रोफोबिया) यह पागल कुत्ते बिल्ली खरगोश लोमड़ी आदि ...

चेचक & छोटी माता & गलसुआ रोग (chechk,chiken pox,mum's)

1=चेचक यह वेरीओल्डा वायरस से जनित तथा संक्रामक रोग है लक्षण = 1 =शरीर पर लाल रंग के दाने उबर आना तथा उसमें पानी भर जाता है 2=रोगी को जुखाम व बुखार कई दिनों तक रहता है 3=शरीर पर बने हुए दाने जब फूटते हैं तो निशान छोड़ देते हैं उपचार शिशुओं को 6 माह के अंतर से चेचक का टीका लगवाएं।                           2=छोटी माता यह रोग बेरी सेला जोस्टर वायरस जनित तथा एक संक्रामक रोग है लक्षण= रोगी को हल्का बुखार तथा शरीर पर पित्ती काय उभरना तथा इन पितिकाओ के फूटने पर काले रंग के निशान बन जाते हैं उपचार= वेरी सैला जोस्टर इम्यूनो ग्लोबिन इंजेक्शन दिया जाता है रोगी को चिकित्सीय परामर्श लेना चाहिए।                                            3 =गलसुआ  रोग यह रोग मिक्सो  वायरस या मोरबीला वायरस जनीत एक संक्रामक रोग है लक्षण 1=कान के दोनों तरफ सूजन आ जाती है जिससे व्यक्ति को मुंह खोलने में कठिनाई होती है 2=लार ग्रंथियों ...

एड्स (AIDS)

एड्स= एड्स एक वायरस जनित एवं संक्रामक रोग है एड्स का पूरा नाम एक्वायर्ड इम्यूनो डिफिशिएंसी सिंड्रोम है यह एचआईवी वायरस से उत्पन्न होता है जिसका पूरा नाम ह्यूमन इम्यूनो डिफिशिएंसी वायरस है कारण= एचआईवी वायरस तथा रिट्रो वायरस एड्स का प्रमुख कारण है रेट्रोवायरस को बहरूपिया वायरस भी कहते हैं एचआईवी वायरस जैसे ही शरीर में प्रवेश करता है तो वह आरएनए के रूप मैं होता है शरीर में जाकर यह एंजाइम के साथ मिलकर आर एन ए , डीएनए में बदल जाता है एचआईवी सीधे ही कोशिकाओं पर अटैक करता है टी लिंफोसाइट जब इसके पास में जाती है तो यह इसे नष्ट कर देता हैं कोशिकाओं में एचआईवी की वर्दी बहुत तेज गति से होती है इसलिए टी लिंफोसाइट इसे जल्दी से पहचान नहीं सकता है इसी कारण इसे बहरूपिया वायरस भी कहते हैं लक्षण= शरीर का कमजोर पड़ जाना व  प्रतिरोधक क्षमता नष्ट हो जाना तथा हल्का बुखार आना। जांच= एलिसा टेस्ट, sandwich test, वेस्टर्न ब्लॉस्ट टेस्ट, पीसीआर टेस्ट। उपचार= 1=रिट्रो वायरल थेरेपी 2=टेबलेट AZT 3=टेबलेट zidrudin महत्वपूर्ण बिंदु 1= एड्स दिवस 1 दिसंबर को मनाया जाता है 2=एड्स जनक देश अफ्रीका है 3=एड्स का पहला र...

सोडियम क्लोराइड (Nacl) क्या है और कैसे तैयार किया जाता है

NACL= इसे साधारण नमक भी कहते हैं यह प्रबल अम्ल व प्रबल छार का लवण होता है तथा इसकी ph7 होती है ph 7 होने के कारण उदासीन प्रकृति का होता है सोडियम क्लोराइड को औद्योगिक स्तर पर समुंदर के जल या खारे पानी को सुखाकर बनाया जाता है अशुद्धियां= इस प्रकार से बनाए गए नमक में मुख्यतः मैग्नीशियम क्लोराइड (Mgcl2) तथा कैल्शियम क्लोराइड (Cacl2) की अशुद्धियां होती है शुद्धीकरण= नमक को शुद्ध करने के लिए सोडियम क्लोराइड के संतृप्त विलयन से भरी बड़ी-बड़ी टंकियों में हाइड्रोजन क्लोराइड गैस प्रवाहित की जाती है जिससे शुद्ध नमक  प्राप्त हो जाता है  सोडियम क्लोराइड को एकत्रित कर लिया जाता है गुण= यह सफेद ठोस पदार्थ है इसका गलनाक उच्च 1081k होता है यह जल में अत्यधिक विलेय है यह जलीय विलियन में आयनित हो जाता है उपयोग= इसका उपयोग साधारण नमक के रूप में भोजन में किया जाता है यह खाद्य परिरक्षण में प्रयोग करते हैं इससे हिमिकरण मिश्रण बनाया जाता है यह NaOH,Na2co3,NaHco3, विरंजक चूर्ण आदि बनाना  में कच्चे पदार्थ के रूप में काम आता है NACL =  It is also called ordinary salt. It is a salt of strong ac...

रक्त एवं परिसंचरण तंत्र (Blood and circulatory system)

रक्त= रक्त एक तरल संयोजी उत्तक है जो जीवो में कोशिकाओं तक ऑक्सीजन पोषक पदार्थों को पहुंचाता है तथा उपापचय  अपशिष्ट पदार्थों व कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में मदद करता है रक्त के घटक = तरल  प्लाज्मा व रक्त कोशिकाएं हैं प्रमुख कोशिकाएं व लाल रक्त कणिकाएं, श्वेत रक्त कणिकाएं तथा रक्त प्लेटलेट्स                       हिमोग्लोबिन लाल रक्त कणिकाओं में पाया जाता है श्वेत रक्त कणिकाएं रोग से बचाने में मदद करती है जबकि प्लेटलेट्स रक्त के थक्का बनने में सहायक है रक्त के कार्य= रक्त गैसों पोषक पदार्थों , अपशिष्ट, हार्मोन का परिवहन करने के साथ-साथ प्रतिरक्षा, पीएच नियंत्रण तथा तााप नियंत्रण आदि कार्य करता है रक्त के प्रकार= रक्त की आरबीसी की सतह पर पाए जाने वाले प्रतिजन के आधार पर रक्त को चार समूहों में बांटा गया है A,B,AB,O एक और कारक आरएच कारक की उपस्थिति के आधार पर रक्त को दो प्रकार मैं बाटा गया है Rh धनात्मक तथा Rh ऋणत्मक। रक्त परिसंचरण= मनुष्य में परिसंचरण तंत्र के भाग है= हृदय, रक्त वाहिकाएं तथा परिसंचरण माध्यम रक्त। लसी...