Nervous system, Brain ,Spinal Cord, तंत्रिका तंत्र

तंत्रिका तंत्र {Nervous system}

तंत्रिका तंत्र संवेदी अंगों, तंत्रिकाओं, मस्तिष्क, मेरुरज्जु एवं तंत्रिका कोशिकाओं का बना होता है। तंत्रिकीय नियंत्रण एवं समन्वय का कार्य मुख्यतया मस्तिष्क तथा मेरुरज्जु के द्वारा किया जाता है।मानव शरीर का वह तंत्र जो सोचने, समझने तथा किसी चीज को याद रखने के साथ ही शरीर के विभिन्न अंगों के कार्यों में सामंजस्य तथा संतुलन स्थापित करने का कार्य करता है, तंत्रिका तंत्र कहलाता है। 
मानव में तंत्रिका तंत्र तीन भागों में विभक्त रहता है-

(A)केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र 
(B)परिधीय तंत्रिका तंत्र 
(C)स्वायत्त या स्वचालित तंत्रिका तंत्र 

(A)केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र

मस्तिष्क (Brain) तथा मेरुरज्जु दोनों मिलकर केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र की स्थापना करते हैं। मस्तिष्क मेरुरज्जु का ही बढ़ा हुआ भाग है।तंत्रिका तंत्र का वह भाग जो सम्पूर्ण शरीर तथा स्वयं तंत्रिका तंत्र पर नियंत्रण रखता है, केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र कहलाता है।

(a)मस्तिष्क (Brain)

मस्तिष्क मानव शरीर का केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण अंग है और यह आदेश व नियंत्रण तंत्र की तरह कार्य करता है। यह ऐच्छिक गमन, शरीर के संतुलन, प्रमुख अनैच्छिक अंगों के कार्य, तापमान नियंत्रण, भूख एवं प्यास, परिवहन, लय, अनेक अन्तःस्रावी ग्रन्थियों की  मानव का मस्तिष्क, मस्तिष्ककोश या क्रेनियम (Cranium) के अंदर अच्छी तरह सुरक्षित रहता है। क्रेनियम मस्तिष्क को बाहरी आघातों से बचाता है।  इसके चारों ओर मेनिनजेज (Meninges) नामक एक आवरण पाया जाता है। यह आवरण तीन स्तरों का बना होता है। इस आवरण की सबसे बाहरी परत को ड्यूरामेटर (Duramater), मध्य परत को अरेकनॉइड (Arachnoid) तथा सबसे अंदर की परत को पायामेटर (Piamater) कहते हैं। मेनिनजेज कोमल मस्तिष्क को बाहरी आघातों तथा दबाव से बचाता है। मेनिनजेज तथा मस्तिष्क के बीच सेरीब्रोस्पाइनल द्रव (Cerebrospinal fluid) भरा रहता है। मस्तिष्क की गुहा भी इसी द्रव्य से भरी रहती है। सेरोब्रोस्पाइनल द्रव मस्तिष्क को बाहरी आघातों से सुरक्षित रखने में मदद करता है। यह मस्तिष्क को नम बनाए रखता है। मानव का मस्तिष्क अन्य कशेरुकों की अपेक्षा ज्यादा जटिल और विकसित होता है। इसका औसत आयतन लगभग 1650 ml होता है। मानव मस्तिष्क का औसत भार 1400 ग्राम होता है।क्रियाएँ और मानव व्यवहार का नियंत्रण करता है। यह देखने, सुनने, बोलने की प्रक्रिया, याददाश्त, कुशाग्रता, भावनाओं और विचारों का भी स्थल है। इस प्रकार मस्तिष्क सम्पूर्ण शरीर तथा स्वयं तंत्रिका तंत्र का नियंत्रण कक्ष है।
मानव मस्तिष्क को तीन प्रमुख भागों में विभाजित किया गया है। ये हैं-

(A)अग्रमस्तिष्क (Forebrain)
(B)मध्यमस्तिष्क (Midbrain) 
(C)पश्च मस्तिष्क (Hindbrain)

(A ) अग्र मस्तिष्क ( Fore brain )

 एक लम्बा गहरा विदर प्रमस्तिष्क को दाएँ व बांए गोलार्धों ( Cerebral Hemisphere ) में विभक्त करता है । प्रत्येक गोलार्द्ध में घूसर द्रव्य ( Grey Matter ) पाया जाता है जो प्रान्तरथा या वल्कुट या कोर्टेक्स ( Cortex ) कहलाता है । अन्दर की ओर श्वेत द्रव्य ( White Matter ) से बना हुआ भाग अन्तस्था या मध्याशं ( Medudla ) कहा जाता है । घूसर द्रव्य ( Grey Matter ) में कई तंत्रिकाएँ पाई जाती हैं । इनकी अधिकता के कारण ही इस द्रव्य का रंग घूसर दिखाई देता है । दोनों गोलार्द्ध आपस में कार्पस कैलोसम की पट्टी द्वारा जुड़े होते हैं । प्रमस्तिष्क ( Cerebrum)थेलेमस तथा हाइपोथेलेमस मिलकर अग्र मस्तिष्क का निर्माण करते हैं । प्रमस्तिष्क मानव मस्तिष्क का 80 - 85 प्रतिशत भाग बनाता है । यह मस्तिष्क का वह भाग है जहाँ से ज्ञान , चेतना , सोचने – विचारने का कार्य संपादित होता है ।प्रमस्तिष्क चारों ओर से थेलेमस से घिरा हुआ रहता है । थैलेमस संवेदी व प्रेरक संकेतो का केन्द्र है । अग्र मस्तिष्क के डाइएनसीफेलॉन ( Diencephanol ) भाग ( जो कि थेलेमस के आधार पर स्थित होता है ) पर हाइपोथेलेमस ( Hypothalamus ) स्थित होता है । यह भाग भूख , प्यास , निद्रा , ताप , थकान , मनोभावनाओं की अभिव्यक्ति आदि का ज्ञान करवाता है ।

( B) मध्य मस्तिष्क ( Mid Brain )
यह चार पिण्ड़ों में बंटा हुआ भाग है जो हाइपोथेलेमस तथा पश्च मस्तिष्क के मध्य स्थित होता है । प्रत्येक पिण्ड को कॉर्पोरा क्वाड्रीजेमीन ( Corpora Quadrigemina ) कहा जाता है । ऊपरी दो पिण्ड दृष्टि के लिए तथा निचले दो पिण्ड श्रवण के लिए उत्तरदायी हैं ।

 ( C ) पश्च मस्तिष्क ( Hind Brain )
यह भाग अनुमस्तिष्क ( Cerebellum ) , पोंस ( Pons ) तथा मध्यांश ( Medulla Oblongata ) को समाहित करता है । अनुमस्तिष्क मस्तिष्क का दूसरा बड़ा भाग है जो एच्छिक पेशियों ( जैसे हाथ व पैर की पेशियाँ ) को नियंत्रित करता है । यह एक विलगित सतह वाला भाग है जो न्यूरोंस को अतिरिक्त स्थान प्रदान करता है । पोंस मस्तिष्क के विभिन्न भागों को आपस में जोड़ता है । मध्यांश अनैच्छिक क्रियाओं को नियत्रित करता है जैसे हृदय की घड़कन , रक्तदाब , पाचक रसों का स्त्राव आदि | यह मस्तिष्क का अन्तिम भाग है जो मेरूरज्जु से जुड़ा होता है ।

(b)मेरुरज्जु (Spinal Cord)

मेडुला ऑब्लांगेटा का पिछला भाग मेरुरज्जु बनाता है। मेरुरज्जु का अंतिम सिरा एक पतले सूत्र के रूप में होता है। मेरुरज्जु के चारों ओर भी ड्यूरोमेटर, ऑक्नायड और पॉयमेटर का बना आवरण पाया जाता है। मेरुरज्जु बेलनाकार खोखली तथा पृष्ठ एवं प्रतिपृष्ठ तल पर चपटी होती है। इसकी दोनों सतहों पर एक-एक खाँच पायी जाती है, जिन्हें क्रमशः डार्सल फिशर एवं वेंट्रल फिशर  कहते हैं। मेरुरज्जु के मध्य एक सँकरी नाल पायी जाती है जिसे केन्द्रीय नाल (Central canal) कहते हैं। केन्द्रीय नाल में सेरिब्रोस्पाइनल द्रव भरा रहता है। केन्द्रीय नाल के चारों ओर मेरुरज्जु का मोटा भाग दो भागों में बँटा होता है। भीतरी स्तर को धूसर पदार्थ (Grey matter) तथा बाहरी स्तर को श्वेत पदार्थ (white matter) कहते हैं। धूसर पदार्थ तंत्रिका कोशिकाओं उनके डेन्ड्रान्स तथा न्यूरोग्लिया प्रबद्धों का बना होता है जबकि श्वेत पदार्थ मेड्युलेटेड तंत्रिका तन्तुओं और न्यूरोग्लिया प्रवद्धों का बना होता है।

मेरुरज्जु के कार्य: मेरुरज्जु के दो प्रमुख कार्य हैं-

(1) यह मस्तिष्क से आने-जाने वाले उद्दीपनों का संवहन करती है।

(2) यह प्रतिवतीं क्रियाओं का नियंत्रण एवं समन्वयन करती है।

(B)परिधीय तंत्रिका तंत्र (Peripheral nervous system): परिधीय तंत्रिका तंत्र, मस्तिष्क एवं मेरुरज्जु से निकलने वाली तंत्रिकाओं का बना होता है, जिन्हें क्रमशः कपालीय तंत्रिकाएँ एवं मेरुरज्जु तंत्रिकाएँ कहते हैं। मनुष्य में 12 जोड़ी कपालीय तंत्रिकाएँ एवं 31 जोड़ी मेरुरज्जु तंत्रिकाएँ होती हैं।

(C)स्वायत्त या स्वचालित तंत्रिका तंत्र (Autornornic nervous system)

स्वायत्त तंत्रिका तंत्र की अवधारणा को सर्वप्रथम लैंगली महोदय ने 1921 ई. में प्रस्तुत किया था। स्वायत्त तंत्रिका तंत्र कुछ मस्तिष्क एवं कुछ मेरुरज्जु तंत्रिकाओं का बना होता है। यह शरीर के सभी आन्तरिक अंगों व रक्त वाहिनियों को तंत्रिकाओं की आपूर्ति करता है 

स्वायत्त तंत्रिका तंत्र के दो भाग होते हैं। 

(i) अनुकम्पी तंत्रिका तंत्र (Sympathetic nervous system) 

(ii) परानुकम्पी तंत्रिका तंत्र (Parasympathetic nervous system)।

दोनों तंत्र केन्द्रीय तथा परिधीय तंत्रों से पूर्णतया स्वतंत्र नहीं होते हैं क्योंकि इनका निर्माण केन्द्रीय एवं परिधीय तंत्रिका तंत्रों द्वारा ही होता है।

(i) अनुकम्पी तंत्रिका तंत्र (sympathetic nervous system)

 इसे थोरेकोलम्बर आउट फ्लो भी कहते हैं क्योंकि जो प्रोगेन्गलियोनिक तन्तु होते हैं, वह स्पाइनल कॉर्ड को थोरेसिक तथा लम्बर क्षेत्र में ही संलग्न (Join) करते हैं। यह एक जोड़ा गैन्गलियोनिक श्रृंखला को रखते हैं जो कि स्पाइनल कॉर्ड के दोनों ओर गर्दन से उदर तक रहता है। तंत्रिका तंतु गैन्गलिया को विसरल अंगों तथा केन्द्रीय तंत्रिका-तंत्र से जोड़ती है। वे तंत्रिका तन्तु जो गैन्गलिया को केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र से जोड़ते हैं उन्हें मेड्युलेटेड तंत्रिका तंतु कहते हैं। प्रीगैन्गलियोनिक तंत्रिका तन्तु स्पाइनल कॉर्ड से निकलते हैं तथा स्पाइनल तंत्रिकाओं की अधर मूल के पास होते हैं। वे तंत्रिका तंतु जो गैन्गिलिया को अंगों से जोड़ते हैं उन्हें नॉन मेड्यूलेटेड तंत्रिका-तंतु या पोस्ट गैन्गलियोनिक तंत्रिका तन्तु कहते हैं। प्री-गैन्गलियोनिक फाइबर्स एसीटाइलकॉलीन तथा पोस्ट गैन्गलियोनिक फाइबर्स सिम्पेथीन स्रावित करते हैं

(ii) परानुकम्पी तंत्रिका तंत्र (Parasympathetic nervous system): यह युग्मित गैन्गलियोनिक श्रृंखला का बना होता है जो मस्तिष्क से आरम्भ होता है तथा स्पाइनल कॉर्ड के सेक्रल भाग से भी उत्पन्न होती है पेरासिम्पैथेटिक गैन्गलिया सिर, गर्दन और सेक्रल क्षेत्र में रहता है। यह उन सभी अंगों को नर्व (Nerve) सप्लाई करता है जिन्हें सिम्पैथेटिक सिस्टम सप्लाई करता है। सिम्पैथेटिक तथा पैरा सिम्पैथेटिक तंत्रिका समान अंगों को नर्व सप्लाई करती है किन्तु इनका असर एक-दूसरे से विपरीत होता है। 

अनुकम्पी तंत्रिका तंत्र के कार्य

  1. यह गुदा के स्फिंक्टर को सिकोड़ता है।
  2. इसकी क्रिया से बाल खड़े हो जाते हैं।
  3. यह शवसन दर को तीव्र करता है।
  4. यह रक्त दाब को बढ़ाता है ।
  5. यह रुधिर में RBC की संख्या में वृद्धि करता है।
  6. इसके सामूहिक प्रभाव से भय, पीड़ा तथा क्रोध पर प्रभाव पड़ता है।
  7. यह आँख की पुतलियों को फैलाता है।
  8. यह स्वेद ग्रन्थि से पसीने के स्राव को बढ़ाता है।
  9. यह लार ग्रन्थियों के स्रवण को कम करता है।
  10. यह हृदय स्पन्दन को बढ़ाता है।
  11. यह त्वचीय रुधिर वाहिनियों को सिकोड़ता है, जिससे त्वचा पीली हो जाती है और रक्त दाब बढ़ जाता है। यह उन रुधिर वाहिनियों को फैलाता है जो हृदय, मस्तिष्क फेफड़ों तथा कंकालीय पेशियों की संवहनित करती है।
  12. यह एड्रीनल स्रवण को बढ़ाता है।
  13. यह मूत्राशय की पेशियों को फैलाता है।
  14. यह लैक्राइमल ग्रन्थियों के स्रवण को बढ़ाता है।
  15. यह रक्त में शर्करा के स्तर को बढ़ाता है।
  16. यह आहारनाल के क्रमानुसंकुचन को कम करता है।

परानुकम्पी तंत्रिका-तंत्र के कार्य:

  1. यह रक्त में शर्करा के स्तर को कम करता है।
  2. यह आहारनाल के क्रमानुकुंचन को बढ़ाता है।
  3. यह पाचन ग्रन्थियों के स्रवण को बढ़ाता है।
  4. यह गुदा के स्फिक्टर को फैलाता है।
  5. इसकी क्रिया से बाल (रोंगटे) खड़े नहीं होते हैं।
  6. यह श्वसन दर को कम करता है।
  7. यह रक्त दाब (Blood pressure) को कम करता है।
  8. यह रुधिर में RBC की संख्या में कमी करता है।
  9. इस तंत्रिका-तंत्र का प्रभाव सामूहिक रूप से आराम एवं सुख की स्थितियाँ उत्पन्न करता है।यह आँख की पुतलियों (Pupil) को सिकोड़ता है।
  10. यह स्वेद ग्रन्थियों से पसीने के स्राव को घटाता है
  11. यह लार ग्रन्थियों के स्रवण को बढ़ाता है।
  12. यह हृदय स्पन्दन को घटाता है।
  13. यह सभी रुधिर वाहिनियों को फैलाता है ।
  14. यह एड्रीनल स्रवण को कम करता है।
  15. यह मूत्राशय की पेशियों को सिकोड़ता है।
  16. यह लैक्राइमल ग्रन्थियों के स्रवण को कम करता 
In English 

nervous system

The nervous system is made up of sensory organs, nerves, brain, spinal cord and nerve cells. The work of nervous control and coordination is mainly done by the brain and spinal cord. , is called the nervous system.
The nervous system in humans is divided into three parts-

(A)Central nervous system
(B)Peripheral nervous system
(C) autonomic nervous system


 (A)Central nervous system
Both the brain and the spinal cord together constitute the central nervous system. The brain is an enlarged part of the spinal cord. That part of the nervous system which controls the whole body and the nervous system itself, is called the central nervous system.

a) Brain
The brain is the central information and transmission organ of the human body and acts as a command and control system. This voluntary movement, balance of the body, functions of major involuntary organs, temperature control, hunger and thirst, transport, rhythm, of many endocrine glands, human brain, cerebrospinal or cranium is well protected. The cranium protects the brain from external trauma. A covering called meninges is found around it. This cover is made of three levels. The outermost layer of this cover is called Duramater, the middle layer is called Arachnoid and the innermost layer is called Piamater. The meninges protect the soft brain from external shocks and pressures. Cerebrospinal fluid is filled between the meninges and the brain. The cavity of the brain is also filled with this fluid. The cerebrospinal fluid helps to protect the brain from external trauma. It keeps the brain moist. The human brain is more complex and developed than that of other vertebrates. Its average volume is about 1650 ml. The average weight of the human brain is 1400 grams. Controls actions and human behavior. It is also the site of sight, hearing, speech, memory, sharpness, feelings and thoughts. Thus the brain is the control room of the whole body and the nervous system itself.
The human brain is divided into three major parts. These are-

(A) Forebrain
(B) Midbrain
(C)Hindbrain

(A) Fore brain

A long deep fissure divides the brain into right and left hemispheres. Gray matter is found in each hemisphere, which is called the cortex or cortex. The inner part made of white matter is called Antastha or Medudla. Many nerves are found in the gray matter. Due to their excess, the color of this substance appears gray. The two hemispheres are connected to each other by a band of corpus callosum. cerebrum The thalamus and the hypothalamus together form the forebrain. The cerebrum makes up 80-85% of the human brain. This is the part of the brain from where the work of knowledge, consciousness, thinking is done. The brain is surrounded by the thalamus from all sides. The thalamus is the center of sensory and motivational signals. The hypothalamus is located on the diencephalon part of the anterior brain (which is located at the base of the thalamus). This part gives knowledge of hunger, thirst, sleep, heat, fatigue, expression of emotions etc.

(B) Mid Brain

It is a part divided into four bodies which is situated between the hypothalamus and the posterior brain. Each body is called a corpora quadrigemina. The upper two bodies are responsible for vision and the lower two bodies are responsible for hearing.  

(C) Hind Brain

This part includes the cerebellum, pons and medulla oblongata. The cerebellum is the second largest part of the brain that controls voluntary muscles (such as the muscles of the arms and legs). It is an isolated surface area that provides additional space for neurons. The pons connects the different parts of the brain. The median controls the involuntary activities like heartbeat, blood pressure, secretion of digestive juices etc. It is the last part of the brain that is attached to the spinal cord.

 (b) Spinal Cord

The posterior part of the medulla oblongata forms the spinal cord. The end of the spinal cord is in the form of a thin thread. Around the spinal cord, a covering made of durometer, ocnoid and pyometra is also found. The spinal cord is cylindrical, hollow and flattened at the surface and counter-surface plane. A groove is found on both its surfaces, which are called dorsal fissure and ventral fissure respectively. A narrow canal is found in the middle of the spinal cord, which is called the central canal. The central canal is filled with cerebrospinal fluid. Around the central canal, the thick part of the spinal cord is divided into two parts. The inner layer is called gray matter and the outer layer is called white matter. The gray matter is made up of nerve cells, their dendrites and neuroglia complexes, while the white matter is made up of medullary nerve fibers and neuroglia complexes.

Functions of the spinal cord: There are two main functions of the spinal cord-

(1) It conducts stimuli coming and going from the brain.

(2) It controls and coordinates reflex actions.

(B) Peripheral nervous system: 

The peripheral nervous system is made up of nerves originating from the brain and spinal cord, which are called cranial nerves and spinal nerves respectively. Humans have 12 pairs of cranial nerves and 31 pairs of spinal nerves.

 (C) Autonomic nervous system

The concept of autonomic nervous system was first presented by Langley in 1921 AD. The autonomic nervous system is made up of some brain and some spinal nerves. It supplies nerves to all the internal organs and blood vessels of the body.

The autonomic nervous system has two parts.

 (i) Sympathetic nervous system

(ii) Parasympathetic nervous system.

Both the systems are not completely independent of the central and peripheral systems as they are produced by the central and peripheral nervous systems only.

i) sympathetic nervous system

It is also called thoracolumbar outflow because the proganglionic fibers that join the spinal cord to the thoracic and lumbar region only. They contain a pair of ganglionic chains that run from the neck to the abdomen on either side of the spinal cord. Nerve fibers connect the ganglia to the visceral organs and the central nervous system. The nerve fibers that connect the ganglia to the central nervous system are called medulated nerve fibers. Preganglionic nerve fibers originate from the spinal cord and are located near the ventral root of the spinal nerves. The nerve fibers that connect ganglia to organs are called non-modulated nerve fibers or postganglionic nerves. Pre-ganglionic fibers secrete acetylcholine and post-ganglionic fibers secrete sympathine.

 (ii) Parasympathetic nervous system:

 It is made up of paired ganglionic chain which starts from brain and also originates from sacral part of spinal cord. Parasympathetic ganglia reside in head, neck and sacral region. It supplies nerves to all those organs to which the sympathetic system supplies. Sympathetic and parasympathetic nerves supply nerves to similar organs but their effect is opposite to each other.

sympathetic nervous system function

It contracts the sphincter of the anus.

Its action makes the hair stand out.

 It accelerates the rate of respiration.

 It increases the blood pressure.

It increases the number of RBCs in the blood.

Its collective effect results in fear, pain and anger.

It dilates the pupils of the eye.

 It increases the secretion of sweat from the sweat gland.

It reduces the secretion of salivary glands.

 It increases the heartbeat.

It constricts the dermal blood vessels, causing the skin to turn yellow and blood pressure to rise. It dilates the blood vessels that carry the heart, brain, lungs and skeletal muscles.

 It increases adrenal secretion.

It stretches the muscles of the bladder.

It increases the secretion of lacrimal glands.

 It increases the level of sugar in the blood.

It reduces peristalsis of the alimentary canal.

Functions of the Parasympathetic Nervous System:

 It lowers the level of sugar in the blood.

It increases peristalsis of the alimentary canal.

It increases the secretion of digestive glands.

It stretches the sphincter of the anus.

Due to its action, the hair does not stand up.

It lowers the respiratory rate.

It lowers the blood pressure.

It decreases the number of RBCs in the blood.

The effect of this nervous system collectively produces states of comfort and pleasure. It constricts the pupils of the eye.

It reduces the secretion of sweat from the sweat glands

It increases the secretion of salivary glands.

It reduces heart beat.

It dilates all the blood vessels.

It reduces adrenal secretion.

It contracts the muscles of the bladder.

It reduces the secretion of lacrimal glands

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