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permanent magnet moving coil(स्थाई चुंबक चल कुंडली)

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# pmmc instrument (permanent magnet moving coil):- * इस यंत्र का उपयोग डीसी सप्लाई पर किया जाता है! * इस यंत्र में स्थाई चुंबक का उपयोग होता है! * यह एक स्थाई चुंबक चल कुंडली यंत्र है! * यह यंत्र uniform magnetic field (एक समान चुंबकीय क्षेत्र) उत्पन्न करता है! * यह यंत्र डीसी मोटर के सिद्धांत पर कार्य करता है! * इस यंत्र की घुमाव दिशा फ्लेमिंग बाएं हाथ नियम से ज्ञात किया जाता है! * इस यंत्र में नियंत्रण सिस्टम के रूप में स्प्रिंग नियंत्रण प्रणाली का उपयोग किया जाता है! * पीएमएमसी यंत्र में भंवर धारा अवमंदक बल का उपयोग किया जाता है! * इस यंत्र का पैमाना (linear)रेखीय या अनुपातिक होता है! * अगर इस यंत्र को एसी सप्लाई से जोड़ दें तो टॉर्क होता है! * इस यंत्र का विक्षेपण बल विद्युतधारा के समानुपाती होता है! * इस यंत्र का विक्षेपण angle (कोण) 150 डिग्री तक होता है! # advantage (लाभ):- * इस यंत्र का पैमाना अनुपातिक होता है! * इस यंत्र के साथ शंट व मल्टीप्लायर का उपयोग करके उच्च माप प्राप्त किया जा सकता है! * इस यंत्र के द्वारा अच्छी शुद्धता के साथ मापन किया जाता है! # disadvanta...

working of indicating instrument(सूचक यंत्र की कार्यप्रणाली)

# Working of indicating instrument (सूचक यंत्र की कार्यप्रणाली) :- सूचक यंत्र पॉइंटर(सूचक) के माध्यम से इलेक्ट्रिकल वैल्यू(विद्युतीय मान) का मापन करता है जैसे:- पावर फैक्टर मीटर, वाट मीटर इत्यादि! सूचक यंत्र में तीन बल कार्य करते हैं:- (1) deflection torque (विक्षेपण बल) (2) controlling torque (नियंत्रण बल) (3) damping torque (अवमंदक बल) (1) deflection torque (विक्षेपण बल):- * स्केल पर प्वाइंटर (सूचक) को चलाने के लिए जो बल लगता है उसे विक्षेपण बल कहा जाता है! * विक्षेपण बल विद्युतधारा के समानुपाती होता है! * D.T=I(धारा) (2) controlling torque (नियंत्रण बल):- * सूचक को स्केल पर नियंत्रित करने का कार्य करता है! * नियंत्रण बल विक्षेपण बल के विपरीत कार्य करता है! * सूचक को शुन्य स्थिति पर लाने का कार्य नियंत्रण बल करता है! * स्टैंड स्टील (स्थिर स्थिति)में विक्षेपण बल नियंत्रण बल के बराबर होता है!  DT=CT # नियंत्रण बल के प्रकार:- (A) spring control (स्प्रिंग नियंत्रण) (B) gravity control (गुरुत्वीय नियंत्रण) (A) spring control (स्प्रिंग नियंत्रण):- * स्प्रिंग नियंत्रण प्रणाली में फॉस्फर...

safety device (सुरक्षा युक्ति),फ्यूज(FUSE)

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(2) FUSE  (अग्नित्र):- * यह असामान्य अवस्था में कार्य करने वाली युक्ति है! * यह उष्मीय सिद्धांत पर कार्य करता है! * फ्यूज का निर्धारण एंपियर (A) में किया जाता है! * इसका मुख्य कार्य अत्यधिक धारा से बचाना है! * यह युक्ति अतिभार व लघु परिपथ से सुरक्षा करता है! * फ्यूज संजीव(live), कला,फेज, जीवित तार के श्रेणी     क्रम में लगाया जाता है! * फ्यूज में निम्न गलनाक, निम्न प्रतिरोध, उच्च                 प्रतिरोधकता होनी चाहिए! * फ्यूज तार सीसा+टिन की मिश्र धातु से बना होता है! * सामान्य फ्यूज तार का अनुपात (टिन+सीसा)               63%+37%होता है! * फ्यूज तार का रासायनिक नाम pb+sn होता है! * सामान्य फ्यूज पोर्सलिन या चीनी मिट्टी का बना होता     है! #  फ्यूज के प्रकार :- (A) किटकैट फ्यूज (B) कार्टिज फ्यूज (C) एचआरसी फ्यूज (A) किटकैट फ्यूज:- * इस फ्यूज को पुन: तार स्थापन फ्यूज कहा जाता है! * इस फ्यूज का ज्यादातर इलेक्ट्रिकल में यूज़ किया जाता है! * इस फ्यूज का उपयो...

safety device (सुरक्षा युक्ति),circuit breaker (परिपथ वियोजक)

#सुरक्षा युक्ति (safety device):-  वे युक्तियां जो         असामान्य अवस्था में परिपथ को अत्यधिक धारा से       बचाती है, सुरक्षा युक्ति के निम्न भाग हैं! (1)  Circuit breaker  (परिपथ वियोजक):- * यह सामान्य व असामान्य दोनों अवस्था में परिपथ को     नियंत्रित करता है! * सामान्य अवस्था में यह नियंत्रण युक्ति की भांति कार्य     करता है! * असामान्य अवस्था में यह सुरक्षा युक्ति की भांति कार्य     करता है! # Types of circuit breaker:- (A) MCB(miniature circuit breaker):- * इसे लघु परिपथ वियोजक कहां जाता है! * एमसीवी सामान्य व असामान्य अवस्था में कार्य करती     है! * एमसीवी 1 पोल 2 पोल 3 पोल 4पोल मे बनी होती है! * एमसीवी की रेटिंग एंपियर (A) में लेते हैं! * एमसीवी 5 एंपियर से 60 एंपियर 240 वोल्ट से 415     वोल्टेज के लिए बनाई जाती है! * मैकेनिकल ऑपरेशन= 5×1k * Electrical operation= 5×10k * Breking capacity= 9kA #  Types of MCB:- (a) मैग्नेटिक थर्मल टाइप एमसीब...

ohm's law(ओह्म का नियम), kirchof law(किरचोफ नियम)

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(1) ohm's law(ओह्म का नियम):- * नियत लंबाई,नियत क्षेत्रफल,नियत प्रतिरोधकता,नियत तापमान पर बंद डी सी परिपथ में प्रतिरोध के सिरों पर उत्पन्न होने वाला विभवांतर धारा के अनुक्रमानुपाती होता है!  * यह नियम एसी व डीसी दोनों परिपथ पर लागू होता है! * यह नियम एसी व डीसी के रेखिक परिपथ पर लागू होता है! * यह नियम चरघतांकी/अरैखिक परिपथ पर लागू नहीं होता है! * V= IR * I=V/R *R=V/I (2) किरचॉफ का नियम :- * किरचॉफ का नियम एसी व डीसी दोनों परिपथ पर लागू होता है! * यह नियम एसी व डीसी के रेखिक परिपथ पर लागू होता है! #किरचॉफ के दो नियम है:- (A) किरचॉफ करंट लॉ(KCL) (B) किरचॉफ वोल्टेज लॉ(KVL) (A) किरचॉफ करंट लॉ (किरचॉफ धारा नियम):- * यह नियम समांतर परिपथ पर लागू होता है! * इसमें आवेश सरक्षण का सिद्धांत लागू होता है! * किसी नोड या संधि पर धारा का मान शुन्य होता है! * अगर परिपथ में सामान लोड लगे हैं तो बीजगणितीय योग होगा! * अगर परिपथ में असामान लोड लगे हैं तो फेजर/ वेक्टर/ रेखीय योग होगा! * असमान भार होने पर प्रभावी मान नहीं लेंगे इस समय तत्कालिक मान लेंगे! (B) किरचॉफ वोल्टेज लॉ (क...

वायरिंग के उपसाधन , control device(नियंत्रण युक्ति)

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#   नियंत्रण युक्ति:- यह युक्ति सामान्य अवस्था में परिपथ को तोड़ने व जोड़ने का कार्य करती है, यह युक्ति असामान्य अवस्था में कार्य नहीं करती इसके निम्न प्रकार हैं!                                                            (1)  SPST(single Pole single throw):-        *  यह एक वन वे स्विच है!                                        * यह स्विच एक ओर से युक्ति को नियंत्रित करता है!        * इस स्विच मे दो कांटेक्ट होते हैं!                                * यह स्विच 6A/16A ,240 वोल्टेज के लिए उपयोग        किया जाता है!                ...

Who discovered what protein is and diseases and symptoms caused by protein deficiency(प्रोटीन क्या है इसकी खोज किसने की व प्रोटीन की कमी से होने वाले रोग व लक्षण)

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पोषण जीवन का आधार है अच्छे स्वास्थ्य के लिए संतुलित आहार की आवश्यकता होती है अगर संतुलित आहार ना मिले तो कई प्रकार के रोग हो सकते हैं अनुभव के आधार पर यह जान लिया गया है कि जीवन के संचालन हेतु कार्बोहाइड्रेट ,प्रोटीन ,वसा ,खनिज लवण, विटामिन और जल उचित मात्रा में उपस्थित होना आवश्यक है इनमें से किसी एक की भी कमी होने पर शरीर कुपोषण का शिकार हो जाता है आज हम प्रोटीन की आवश्यकता पर बल देते हुए इसकी कमी से होने वाले रोगों का वर्णन करेंगे . प्रोटीन की खोज (protein ki Khoj) किसने व कब की बताएंगे।  प्रोटीन क्या है ? प्रोटीन एक प्रकार से पोषक तत्व है जो अमीनो एसिड से मिलकर बना होता है प्रोटीन ग्रीक भाषा के शब्द प्रोटेस से बना है जिसका अर्थ " सबसे महत्वपूर्ण " होता हैशरीर के लिए आवश्यक प्रोटीन अमीनो एसिड के संश्लेषण से प्राप्त होती है जब शरीर में प्रोटीन की कमी पूरी नहीं होती है तो बाहर से अधिकांश प्रोटीन लेने पड़ते हैं साकाहारी  रूप में गेहूं, चना, दूध ,मूंग, सोयाबीन आदी से तथा मांसाहारी रूप में मछली, अंडे ,मास आदि से प्रोटीन की पूर्ति की जाती हैं प्रोटीन की खोज प्रोटीन को सबसे पहल...