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Magnetic force lines and properties of magnetic lines of force

चुंबकीय बल रेखाएं  जब किसी चुंबक के पास कोई चुंबकीय सुई (कम्पास सुई) लायी जाती है। तो चुंबकीय सुई घूमकर एक निश्चित दिशा में रूक जाती है। अब यदि चुंबक की दिशा की परिवर्तन कर दें, तो चुंबकीय सुई की दिशा भी परिवर्तित हो जाती है। चुंबकीय सुई एक वक्र पथ पर विचलित होती रहती हैं  किसी चुंबक के चारों ओर का वह क्षेत्र, जिसमें किसी चुंबकीय बल का अनुभव किया जा सकता है इस क्षेत्र को चुंबक का चुंबकीय क्षेत्र कहा जाता हैं  अतः इस प्रकार स्पष्ट होता है कि चुंबकीय क्षेत्र की रेखाएं वक्र रेखाओं के रूप में होती हैं। इन वक्र रेखाओं को चुंबकीय बल रेखाएं अथवा चुंबकीय क्षेत्र रेखाएं  कहते हैं। When a magnetic needle (compass needle) is brought near a magnet. So the magnetic needle turns and stops in a certain direction. Now if the direction of the magnet is changed, then the direction of the magnetic needle also changes. Magnetic needle deviates in a curved path  The area around a magnet in which a magnetic force can be felt is called the magnetic field of the magnet.  Hence,...

Acid rain and their side effects

अम्लीय वर्षा (Acid rain) अम्लीय वर्षा’ शब्द सबसे पहले रॉबर्ट एंगस (1872) द्वारा दिया गया  वे गैसें जो जल के साथ मिलकर अम्ल बनाती हैं, अम्लीय गैसें कहलाती हैं। अम्लीय गैसों के उदाहरण सल्फर डाइऑक्साइड (SO2) और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO2) हैं। प्रदूषित हवा में मौजूद सल्फर डाइऑक्साइड गैस सल्फ्यूरिक एसिड (H2SO4) बनाती है जबकि प्रदूषित हवा में मौजूद नाइट्रोजन डाइऑक्साइड गैस नाइट्रिक एसिड (HNO3) बनाती है। वायुमंडल में उपस्थित सल्फर और नाइट्रोजन के ऑक्साइड वर्षा में घुल जाते हैं और इस अम्लीय बना देते हैं और इस प्रकार जो वर्षा धरती की सतह पर होती है यह अम्लीय वर्षा कहलाती है।  The term 'acid rain' was first given by Robert Angus (1872)  The gases which react with water to form acids are called acidic gases. Examples of acidic gases are sulfur dioxide (SO2) and nitrogen dioxide (NO2). Sulfur dioxide gas present in polluted air forms sulfuric acid (H2SO4) while nitrogen dioxide gas present in polluted air forms nitric acid (HNO3).  Oxides of sulfur and nitrogen present in the ...

Green house effecta,Side effects of greenhouse effect and profit

ग्रीनहाउस प्रभाव  ग्रीनहाउस Greenhouse एक पारदर्शी या पारभासी सामग्री से ढकी एक फ़्रेमयुक्त या फुलाया हुआ संरचना है जिसमें कम से कम आंशिक रूप से नियंत्रित वातावरण की परिस्थितियों में फसलें उगाई जा सकती हैं और जो सांस्कृतिक कार्यों को करने के लिए लोगों को इसके भीतर काम करने की अनुमति देने के लिए पर्याप्त है। हरित गृह, हरे रंग के काँच की दीवारों से बनाया गया छोड़ा या बड़ा कक्ष होता है। यह प्रायः ठण्डे क्षेत्रों मे बनाया जाता है। इसके अन्दर गर्म मौसम की फसलों को उगाया जाता है। इसके अन्दर का तापमान बाहर की अपेक्षा काफी अधिक होता है क्योंकि इसकी काँच की दीवारें सौर विकिरण को अन्दर प्रवेश करने देती हैं किन्तु इसमें उत्पन्न ऊष्मा को बाहर बहुत कम निकलने देती हैं फलतः अन्दर का तापमान बढ़ जाता है। Greenhouse A greenhouse is a framed or inflated structure covered with a transparent or translucent material in which crops can be grown under at least partially controlled environmental conditions and which allow people to work within it to perform cultural functions. enough for.  A green house...

Kulam's law and Formula for Coulomb's Law

कुलाम का नियम -  इस नियम के अनुसार स्थिर अवस्था में दो विधुत आवेशो के मध्य आकर्षण या प्रतिकर्षण का बल उनके आवैशों के परिमाण के गुुुुणनफल के समानुपाती तथा उनकी मध्य की दूरी के व्युत्क्रानुपाती होता है। इसेे ही कुलाम का नियम कहते है। According to this law, the force of attraction or repulsion between two electric charges in a stationary state is directly proportional to the product of the magnitude of their charges and inversely proportional to the distance between them. This is called Kulam's law. दो स्थित बिंदु आवेशों के बीच लगने वाले बल, दोनों आवेशों की मात्राओं के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती तथा उनके बीच की दूरी के व्यूत्क्रमानुपाती होता है। इसे ही कूलाम का नियम कहते हैं। The force between two stationary point charges is directly proportional to the product of the quantities of the two charges and inversely proportional to the distance between them. This is called Coulomb's law. कूलाम के नियम का सूत्र – F= 1/4πԐ0 q1​q2/r2 Formula for Coulomb's Law –  F= 1/4πԐ0 q1​q2/r2 इस...

Gravitational force and Properties of Gravitational Force

गुरुत्वाकर्षण बल (gravitational force) जिस बल के कारण दो वस्तुएं एक-दूसरे को अपनी ओर आकर्षित करती है, उसे ‘गुरुत्वाकर्षण बल कहते हैं। गुरुत्वाकर्षण बल (Gravitational Force ) किन्ही दो वस्तु, पदार्थ अथवा कणों के बीच उपस्थित एक आकर्षण बल है l गुरुत्वाकर्षण बल न सिर्फ पृथ्वी और वस्तुओं के मध्य का आकर्षण बल है बल्कि यह ब्रह्माण्ड में मौजूद हर पदार्थ या वस्तु के बीच मौजूद है।  The force due to which two objects attract each other towards themselves is called the 'force of gravity'. Gravitational force is the force of attraction between any two objects, matter or particles. Gravitational force is not only the force of attraction between the earth and objects, but it is present between every substance or object present in the universe. गुरुत्वाकर्षण को उस त्वरण (acceleration) से मापा जाता है जो मुक्त रूप से गिरने वाली वस्तुओं को देता है। यह नियम इस प्रकार है, ‘ब्रह्माण्ड में प्रत्येक कण (पिण्ड), किसी भी अन्य कण को अपनी और आकर्षित करते हुए उस पर आकर्षण बल लगाता है, जिसे गुरूत्वाकर्षण ...

Measurement ,physical quantity SI unit symbol

मापन (Measurement) व मात्रक  हम किसी भी भौतिक राशि की माप ज्ञात करने के लिए उस राशि के एक निश्चित परिमाण को “मानक” (Standard) मान लेते हैं तथा इस मानक को कोई नाम दे देते हैं। इसी को उस राशि का “मात्रक” (Unit) कहते हैं। और किसी दी गई राशि को इसके मात्रक से तुलना को मापन कहते हैं। दूसरे शब्दों में ‘दो भौतिक राशियों के बीच के तुलनात्मक अध्ययन को मापन कहते है।’ To find the measure of any physical quantity, we take a certain quantity of that quantity as "Standard" and give a name to this standard. This is called the "unit" of that amount. And the comparison of a given quantity with its unit is called measurement.  In other words 'measurement is the comparative study between two physical quantities'. भौतिक राशियाँ जिस राशि का मापन किया जा सकता है, उसे भौतिक राशि कहते हैं। जैसे – लंबाई, द्रव्यमान, ताप, विद्युत धारा, दाब, बल इत्यादि। किसी भौतिक राशि की माप अथवा तौल को व्यक्त करनें के लिए निम्न बातों की जानकारी होना अति आवश्यक है- किसी राशि के मापन के निर्देश मानक ...

What is mirror,spherical mirror

दर्पण क्या है काँच के एक तरफ लेप लगा हो व दूसरे तरफ चमकदार दिखता हो उसे हम दर्पण कहते है। जिसमे हम किसी की भी छवि को देख सकते है। mirror एक प्रकाश युक्ति है जो प्रकाश के परावर्तन के आधार पर कार्य करती है इसका उपयोग हम अपने आप के आकर, रूप और सौन्दर्य देखने के लिए करते है। दर्पणों के प्रकार उत्तल, अवतल, समतल इसका उपयोग वस्तु देखने के लिए करते है। लेकिन किस वस्तु में किस दर्पण का क्या उपयोग हैं  The coating is applied on one side of the glass and it looks shiny on the other side, we call it a mirror. In which we can see the image of anyone. Mirror is a lighting device which works on the basis of reflection of light.  We use it to see our own shape, form and beauty. Types of mirrors convex, concave, plane use it to see the object. But what is the use of which mirror in which object? दर्पण के प्रकार :- दर्पण मुख्यतः दो प्रकार का होता है। समतल दर्पण :- किसी समतल कांच की प्लेट को एक सिरे पर चांदी या जस्ते की पॉलिश कर दे तो निर्मित युक्ति समतल दर्पण कहलाती है। समतल दर्पण की फोकस ...