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जनवरी, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

चेचक & छोटी माता & गलसुआ रोग (chechk,chiken pox,mum's)

1=चेचक यह वेरीओल्डा वायरस से जनित तथा संक्रामक रोग है लक्षण = 1 =शरीर पर लाल रंग के दाने उबर आना तथा उसमें पानी भर जाता है 2=रोगी को जुखाम व बुखार कई दिनों तक रहता है 3=शरीर पर बने हुए दाने जब फूटते हैं तो निशान छोड़ देते हैं उपचार शिशुओं को 6 माह के अंतर से चेचक का टीका लगवाएं।                           2=छोटी माता यह रोग बेरी सेला जोस्टर वायरस जनित तथा एक संक्रामक रोग है लक्षण= रोगी को हल्का बुखार तथा शरीर पर पित्ती काय उभरना तथा इन पितिकाओ के फूटने पर काले रंग के निशान बन जाते हैं उपचार= वेरी सैला जोस्टर इम्यूनो ग्लोबिन इंजेक्शन दिया जाता है रोगी को चिकित्सीय परामर्श लेना चाहिए।                                            3 =गलसुआ  रोग यह रोग मिक्सो  वायरस या मोरबीला वायरस जनीत एक संक्रामक रोग है लक्षण 1=कान के दोनों तरफ सूजन आ जाती है जिससे व्यक्ति को मुंह खोलने में कठिनाई होती है 2=लार ग्रंथियों ...

एड्स (AIDS)

एड्स= एड्स एक वायरस जनित एवं संक्रामक रोग है एड्स का पूरा नाम एक्वायर्ड इम्यूनो डिफिशिएंसी सिंड्रोम है यह एचआईवी वायरस से उत्पन्न होता है जिसका पूरा नाम ह्यूमन इम्यूनो डिफिशिएंसी वायरस है कारण= एचआईवी वायरस तथा रिट्रो वायरस एड्स का प्रमुख कारण है रेट्रोवायरस को बहरूपिया वायरस भी कहते हैं एचआईवी वायरस जैसे ही शरीर में प्रवेश करता है तो वह आरएनए के रूप मैं होता है शरीर में जाकर यह एंजाइम के साथ मिलकर आर एन ए , डीएनए में बदल जाता है एचआईवी सीधे ही कोशिकाओं पर अटैक करता है टी लिंफोसाइट जब इसके पास में जाती है तो यह इसे नष्ट कर देता हैं कोशिकाओं में एचआईवी की वर्दी बहुत तेज गति से होती है इसलिए टी लिंफोसाइट इसे जल्दी से पहचान नहीं सकता है इसी कारण इसे बहरूपिया वायरस भी कहते हैं लक्षण= शरीर का कमजोर पड़ जाना व  प्रतिरोधक क्षमता नष्ट हो जाना तथा हल्का बुखार आना। जांच= एलिसा टेस्ट, sandwich test, वेस्टर्न ब्लॉस्ट टेस्ट, पीसीआर टेस्ट। उपचार= 1=रिट्रो वायरल थेरेपी 2=टेबलेट AZT 3=टेबलेट zidrudin महत्वपूर्ण बिंदु 1= एड्स दिवस 1 दिसंबर को मनाया जाता है 2=एड्स जनक देश अफ्रीका है 3=एड्स का पहला र...

सोडियम क्लोराइड (Nacl) क्या है और कैसे तैयार किया जाता है

NACL= इसे साधारण नमक भी कहते हैं यह प्रबल अम्ल व प्रबल छार का लवण होता है तथा इसकी ph7 होती है ph 7 होने के कारण उदासीन प्रकृति का होता है सोडियम क्लोराइड को औद्योगिक स्तर पर समुंदर के जल या खारे पानी को सुखाकर बनाया जाता है अशुद्धियां= इस प्रकार से बनाए गए नमक में मुख्यतः मैग्नीशियम क्लोराइड (Mgcl2) तथा कैल्शियम क्लोराइड (Cacl2) की अशुद्धियां होती है शुद्धीकरण= नमक को शुद्ध करने के लिए सोडियम क्लोराइड के संतृप्त विलयन से भरी बड़ी-बड़ी टंकियों में हाइड्रोजन क्लोराइड गैस प्रवाहित की जाती है जिससे शुद्ध नमक  प्राप्त हो जाता है  सोडियम क्लोराइड को एकत्रित कर लिया जाता है गुण= यह सफेद ठोस पदार्थ है इसका गलनाक उच्च 1081k होता है यह जल में अत्यधिक विलेय है यह जलीय विलियन में आयनित हो जाता है उपयोग= इसका उपयोग साधारण नमक के रूप में भोजन में किया जाता है यह खाद्य परिरक्षण में प्रयोग करते हैं इससे हिमिकरण मिश्रण बनाया जाता है यह NaOH,Na2co3,NaHco3, विरंजक चूर्ण आदि बनाना  में कच्चे पदार्थ के रूप में काम आता है NACL =  It is also called ordinary salt. It is a salt of strong ac...

रक्त एवं परिसंचरण तंत्र (Blood and circulatory system)

रक्त= रक्त एक तरल संयोजी उत्तक है जो जीवो में कोशिकाओं तक ऑक्सीजन पोषक पदार्थों को पहुंचाता है तथा उपापचय  अपशिष्ट पदार्थों व कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में मदद करता है रक्त के घटक = तरल  प्लाज्मा व रक्त कोशिकाएं हैं प्रमुख कोशिकाएं व लाल रक्त कणिकाएं, श्वेत रक्त कणिकाएं तथा रक्त प्लेटलेट्स                       हिमोग्लोबिन लाल रक्त कणिकाओं में पाया जाता है श्वेत रक्त कणिकाएं रोग से बचाने में मदद करती है जबकि प्लेटलेट्स रक्त के थक्का बनने में सहायक है रक्त के कार्य= रक्त गैसों पोषक पदार्थों , अपशिष्ट, हार्मोन का परिवहन करने के साथ-साथ प्रतिरक्षा, पीएच नियंत्रण तथा तााप नियंत्रण आदि कार्य करता है रक्त के प्रकार= रक्त की आरबीसी की सतह पर पाए जाने वाले प्रतिजन के आधार पर रक्त को चार समूहों में बांटा गया है A,B,AB,O एक और कारक आरएच कारक की उपस्थिति के आधार पर रक्त को दो प्रकार मैं बाटा गया है Rh धनात्मक तथा Rh ऋणत्मक। रक्त परिसंचरण= मनुष्य में परिसंचरण तंत्र के भाग है= हृदय, रक्त वाहिकाएं तथा परिसंचरण माध्यम रक्त। लसी...

स्वसन व स्वसन तंत्र( respiration and respiratory system)

चित्र
स्वसन व स्वसन तंत्र स्वसन कोशिकाओं में ऑक्सीजन की उपस्थिति में खाद्य पदार्थों का ऑक्सीकरण जिसमें ऊर्जा उत्पन्न होती है श्वसन कहलाता है इस हेतु बाहरी ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है जो श्वास की प्रक्रिया में फेफड़ों में पहुंचती है तथा रक्त के माध्यम से कोशिका तक लाई जाती है मानव श्वसन तंत्र 1=ऊपरी स्वसन तंत्र इसमें नासा छिद्र, नासिक गुुुहा ग्रसनी व स्वर यंत्र शामिल है घाटी ढक्कन श्वास नली व आहार नली के बीच स्विच का कार्य करता है स्वर यंत्र में सवर रजजू आवाज पैदा करने का कार्य करते हैं 2=निचला श्वसन तंत्र इसमें श्वास नली , सव सनी,शवसनीका  व फेफड़े शामिल है श्वास नली को उपास्थि के छल्ले हमेशा खुला रखते  वछ गुहा मैं पहुंच कर श्वास नली बायी व दाई सवस्नी मैं बंट जाती है मैं बंट जाती है 1 जोड़ी फेफड़े वछ गुहा मैं स्थित होते हैं फेफड़ों की कुपिकाए केवल सलकी उपकला की बनी होती है इन पर कोशिकाओं का जाल फैला होता है  स्वसन क्रिया विज्ञान वास्तविक  स्वसन एक जेब रसायनिक क्रिया है स्वसन की सांस लेनेेे की प्रक्रिया की यांत्रिकीी में वायु संचालन केे लिए वायुमंडल तथा कुप्पीका...

पाचन तंत्र

पाचन ग्रंथियां 1=लार ग्रंथियां लार सीरमी तरल है  जिसमें सटारच पाचक एंजाइम टाइलिन पाया जाता है  2=अग्नाशय ग्रंथि  बाहरी स्त्राव भाग अग्नाशयी रस का स्त्राव करता है इसके छारीय माध्यम मैं कार्य करने वाले एंजाइम प्रोटीन वसा व कार्बोहाइड्रेट के पाचन में मदद करते हैं 3=यकृत सबसे बड़ी ग्रंथि जो पित्त का निर्माण करती है पित्ताशय में संग्रहित पित्त बसा के पायसीकरण तथा एंजाइमों के लिए छारीय माध्यम बनाने का कार्य करता है भोजन का पाचन पाचन एक यांत्रिक एवं रसायनिक क्रिया है मुखगुहा में लार द्वारा भोजन की 30% स्टारच का पाचन माल्टोज में होता है  आमाशय के जठर रस में मयूकस , प्रींएजायम पेप्सिनोजेन तथा हाइड्रोक्लोरिक अमल पाए जाते हैं मयुकस का स्त्राव ग्रीवा कोशिकाओं द्वारा होता है नवजात तत्वों के अमस्या से स्रावित रेनिन एंजाइम दुग्ध प्रोटीन के पाचन में सहायक है हाइड्रोक्लोरिक अमल का स्त्राव ओकसिसंटिक कोशिकाओं द्वारा होता है

पाचन तंत्र क्या है और इसकी कार्यविधि और भाग(What is the digestive system and its procedure and parts)

1 . पाचन तंत्र= मानव भोजन के द्वारा शरीर के लिए आवश्यक ऊर्जा एवं काईक पदार्थ प्राप्त करता है भोजन विभिन्न घटकों जैसे प्रोटीन कार्बोहाइड्रेट वसा विटामिंस एवं खनिज लवण आदि से बना होता है भोजन में इनमें से अधिकतर घटक जटिल अवस्था में होते हैं शरीर में अवशोषण हेतु इन्हें सरलीकरण किया जाता है जिसके लिए शरीर में विभिन्न अंगों का एक तंत्र होता है जिसे पाचन तंत्र कहते हैं पाचन तंत्र में सम्मिलित विभिन्न अंग एवं ग्रंथियां निमन है A=अंग। 1=मुख  2=ग्रसनी  3=ग्रास नली।  4=अमाशय। 5= छोटी आंत    6=बड़ी आंत।  7= मलद्वार  B=   ग्रंथियां 1=लार ग्रंथि 2=यकृत ग्रंथि।  3=अग्नाशय ग्रंथि     सभी अंग मिलकर आहार नाल का निर्माण करते हैं जो मुख से शुरू होकर मलद्वार तक जाती है यह करीब 8 से 10 मीटर तक लंबी होती है इसे पोषण नाल भी कहा जाता है आहार नाल के तीन प्रमुख कार्य होते हैं क= आहार को सरलीकरण कर पचाना ख= पचित आहार का अवशोषण ग= आहार को मुख से मलद्वार तक पहुंचाना 1= मुख = आहार नाल का अगर बग मुख से प्रारंभ होकर  मुख गुहा मैं खुलता है यह एक कटो...

भोजन एवं मानव स्वास्थ्य

संतुलित और असंतुलित भोजन:                                 वह भोजन जिसमे कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, खनिज लवण, विटामिन एवं जल उचित मात्रा मे हो, वह संतुलित भोजन एवं जिसमे ये सब नहीं हो वह असंतुलित भोजन कहलाता हैं।                                                          विटामिन कुपोषण:                                                    किसी एक या अधिक विटामिन की कमी से उत्पन्न लक्षण, विटामिन कुपोषण कहलाता है                         कुछ प्रमुख विटामिन की कमी से होने वालेेे रोग तथा उनके लक्षण निम्न है।                  ...