संदेश

मई, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Who discovered what protein is and diseases and symptoms caused by protein deficiency(प्रोटीन क्या है इसकी खोज किसने की व प्रोटीन की कमी से होने वाले रोग व लक्षण)

चित्र
पोषण जीवन का आधार है अच्छे स्वास्थ्य के लिए संतुलित आहार की आवश्यकता होती है अगर संतुलित आहार ना मिले तो कई प्रकार के रोग हो सकते हैं अनुभव के आधार पर यह जान लिया गया है कि जीवन के संचालन हेतु कार्बोहाइड्रेट ,प्रोटीन ,वसा ,खनिज लवण, विटामिन और जल उचित मात्रा में उपस्थित होना आवश्यक है इनमें से किसी एक की भी कमी होने पर शरीर कुपोषण का शिकार हो जाता है आज हम प्रोटीन की आवश्यकता पर बल देते हुए इसकी कमी से होने वाले रोगों का वर्णन करेंगे . प्रोटीन की खोज (protein ki Khoj) किसने व कब की बताएंगे।  प्रोटीन क्या है ? प्रोटीन एक प्रकार से पोषक तत्व है जो अमीनो एसिड से मिलकर बना होता है प्रोटीन ग्रीक भाषा के शब्द प्रोटेस से बना है जिसका अर्थ " सबसे महत्वपूर्ण " होता हैशरीर के लिए आवश्यक प्रोटीन अमीनो एसिड के संश्लेषण से प्राप्त होती है जब शरीर में प्रोटीन की कमी पूरी नहीं होती है तो बाहर से अधिकांश प्रोटीन लेने पड़ते हैं साकाहारी  रूप में गेहूं, चना, दूध ,मूंग, सोयाबीन आदी से तथा मांसाहारी रूप में मछली, अंडे ,मास आदि से प्रोटीन की पूर्ति की जाती हैं प्रोटीन की खोज प्रोटीन को सबसे पहल...

प्रमुख विटामिन(A,B,C,D,E,K) तथा इनकी खोज व इनकी कमी से होने वाले रोग तथा लक्षण(Major vitamins (A, B, C, D, E, K) and their discovery and deficiency diseases and symptoms)

चित्र
पोषण जीवन का आधार है पोषण के रूप में जीव अपने वातावरण से विभिन्न पदार्थ प्राप्त करते हैं यह पदार्थ पाचन क्रिया के माध्यम से जीव के शरीर का अंग बनकर शरीर की विभिन्न आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं उनमें से विटामिन अपना प्रमुख स्थान रखता है विटामिन के साथ-साथ कार्बोहाइड्रेट प्रोटीन वसा खनिज लवण तथा जल भी उचित मात्रा में उपस्थित होना चाहिए इनमें से किसी की भी कमी होने से शरीर कुपोषित हो जाता है और इनका प्रभाव शरीर पर कई प्रकार से पड़ता है विटामिन विटामिन भोजन का सूक्ष्म भाग होता है मगर कार्य करने की दृष्टि से महत्वपूर्ण होते हैं इसका कार्य शरीर की उपापचय क्रियाओं को नियंत्रित करना होता है विटामिन एक प्रकार का कार्बनिक पदार्थ होता है विटामिन की खोज डक चिकित्सक क्रिस्टियान इज्कमेन(christiaan Eijkman) 1890 मैं की थी यह शरीर विज्ञान के प्रोफ़ेसर थे इन्होंने विटामिन की खोज कैदियों में बड़े स्तर पर हो रही वेरी-वेरी जैसी बीमारी के अध्ययन के बाद की थी इन्होंने पाया कि वेरी वेरी रोग कुपोषण जन्य है तभी इन्होंने थायमीन की खोज की थी उन्हें वर्ष 1929 में मेडिसिन का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था व...

Black fungs cause and avoidance(काली फफूदी के कारण व निवारण)

चित्र
ब्लैक फंगस पूरे विश्व भर में कोविड-19 के बाद अनेक बीमारियां सामने आ रही है जिसमें ब्लैक फंगस दिसंबर 2020 मै भी सामने आया था लेकिन उस समय इतना ज्यादा प्रभाव नहीं था अभी तक करोना कि दूसरी लहर से पूरा देश सामना कर रहा है इसी बीच यह एक महामारी के रूप में उबर रहा है जो करो ना वायरस से संक्रमित थे उनमें यह ज्यादा देखने को मिल रहा है पता यह फंगस नमी वाले स्थान पर पाया जाता है कोविड-19 पेशेंट जिनको डायबिटीज की समस्या थी तथा जिनका इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर है उनमें यह तेजी से फैल रहा है जिसे फंगल इंफेक्शन के नाम से जानते हैं यह mucormycosis ( श्लेष्मा रोग) है लक्षण 1. शुरुआत में नाक से हल्का भूरे रंग का पानी का आना 2. सर दर्द होना , बुखार का आना 3. नाक से यह हैं मुंह में जाने से खांसी तथा उल्टी में ब्लड का आना तथा यह त्वचा को काला करने लगता है 4. फिर यह हैं मुह से आंख में पहुंचता है आंखे लाल रंग की हो जाती है 5. अंत में आंखों से ब्रेन में पहुंचता है  बचाव उपरोक्त लक्षणों में से किसी को भी कोई लक्षण दिखाई दे तो तुरंत चिकित्सीय उपचार करवाना चाहिए चिकित्सक की देखरेख में एंटी फंगल तथा ...

Vision defects and their resolution(दृष्टि दोष और उनका निराकरण)

दृष्टि दोष एवं उनका निराकरण उम्र बढ़ने के साथ मांसपेशियों में समजन क्षमता कम होने से, चोट लगने से,  नेत्रों पर अत्यधिक तनाव आदि अनेक कारणों से नेत्रों की समजन क्षमता में कमी आ जाती है जिससे नेत्र में निमन मुख्य दोष उत्पन्न होते हैं 1. निकट दृष्टि दोष 2. दूर दृष्टि दोष  3. जरा दृष्टि दोष 4. दृष्टि वेषमय दोष 5. मोतियाबिंद 1. निकट दृष्टि दोष निकट दृष्टि दोष में व्यक्ति को निकट की वस्तुएं तो स्पष्ट दिखाई देती है किंतु दूर की वस्तुएं धुंधली दिखाई देने लगती है इस दृष्टि दोष का मुख्य कारण नेत्र लेंस की वक्रता का बढ़ जाना है इस दोष से पीड़ित व्यक्ति के नेत्र में दूर रखी वस्तुओं का प्रतिबिंब रेटिना से पहले ही बन जाता जबकि कुछ दूरी पर रखी वस्तुओं का प्रतिबिंब रेटिना पर बनता है एक प्रकार से उस व्यक्ति का दूर बिंदु अनंत पर न होकर पास आ जाता है इस दोष के निवारण के लिए उचित क्षमता का अवतल लेंस नेत्र के आगे लगाया जाता है वर्तमान में लेजर तकनीक का उपयोग करके भी इस दोष का निवारण किया जाता है 2 . दूर दृष्टि दोष दूर दृष्टि दोष में व्यक्ति को दूर की वस्तुएं तो स्पष्ट दिखाई देती है परंतु पास की व...

Eye structure(नेत्र की संरचना)

चित्र
नेत्र हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है मानव नेत्र की कार्यप्रणाली एक अत्याधुनिक ऑटो फॉक्स कैमरे की तरह नेत्र लगभग 2.5 सेमी व्यास का गोलाकार अंग है इसके प्रमुख भाग निम्न है 1. श्वेत पटेल = नेत्र के चारों ओर एक स्वेत सुरक्षा कवच बना होता है जो अपारदर्शक होता है इसे श्वेत पटेल कहते हैं 2. कॉर्निया = नेत्र के सामने श्वेत पटेल के मध्य मैं थोड़ा उभरा हुआ भाग पारदर्शी होता है प्रकाश की किरणें इसी भाग से अपवर्तित होकर नेत्र में प्रवेश करती है नेत्र दान मे कॉर्निया भाग ही दान किया जाता है।  3. परितारिका यह कॉर्निया के पीछे एक अपारदर्शी मांसपेशिय रेशों किस रचना है जिसके बीच में छिद्र होता है इसका रंग अधिकांशत काला होता है 4. पुतली परितारिका के बीच वाले छिद्र को पुतली कहते हैं परितारिका की मांसपेशियों के संकुचन व विस्तारण से पुतली का आकार कम या ज्यादा होता रहता है तीव्र प्रकाश में अकार छोटा हो जाता है एवं कम प्रकाश में इसका आकार बढ़ जाता है यही कारण है कि जब हम तीव्र प्रकाश से मंद प्रकाश में जाते हैं तो कुछ समय तक नेत्र ठीक से देख नहीं पाते हैं 5. नेत्र लेंस परितारिका के पीछे ए...

सदिश एवं अदिश (scalar and vector quantities)

भौतिक विज्ञान = वह विज्ञान जिसमें भौतिक राशियों का अध्ययन किया जाता है भौतिक विज्ञान कहलाता है कहलाता है भौतिक राशियां =वे राशियां जिनका मापन किया जाता है भौतिक राशियां कहलाती है जैसे=दूरी ,समय ,चाल आदि सामान्यतः भौतिक राशियों को दो भागों में बांटा जाता है 1=अदिश राशियां  2=सदिश राशियां 1= अदिश राशियां जिन भौतिक राशियों को व्यक्त करने के लिए केवल परिमाण की आवश्यकता होती है अदिश राशियां कहलाती है इन राशियों में दिशा का बोध नहीं होता है जैसे= द्रव्यमान, आयतन ,विद्युत धारा ,कार्य ,ऊर्जा ,समय चाल,घनत्व ,शक्ति आदि 2= सदिश राशियां ऐसी भौतिक राशियां जिन्हें व्यक्त करने के लिए परिमाण के साथ-साथ दिशा की भी आवश्यकता होती है सदिश राशियां कहलाती है जैसे= संवेग ,विस्थापन बल, वेग, भार, आदि नोट = प्रदिश राशियां =ऐसी राशियां जिन्हें केवल परिमाण व दिशा से नहीं दर्शा सकते इनके लिए तल की जानकारी होना भी आवश्यक है जैसे= जड़त्व आघूर्ण, प्रतिबल, विकृति आदि भौतिक विज्ञान में मूल भौतिक राशियां 7 होती है 1. लंबाई = लंबाई का मात्रक मीटर होता है 2. द्रव्यमान = द्रव्यमान का एमकेएस पद्धति में मात्रक  ...